“ॐ ह्रीं श्रीं गोम गोरक्ष, निरंजनात्मने हम फट स्वाहाः”: The ultimate Portion of the mantra contains the phrase “निरंजनात्मने” which signifies the ‘unblemished soul’, referring on the pure spiritual essence of Gorakhnath. कहो शिव-शंकर स्वामीजी, गोरख योगी कौन है दिठा । स्वस्थ शरीर से ही सब कुछ संभव है हम https://mantra82715.widblog.com/87192362/the-greatest-guide-to-shabar-mantra