नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!... एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ ॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ पुत्र होन कर इच्छा https://caidenvkwjt.mywikiparty.com/1027983/shiv_chalisa_in_hindi_things_to_know_before_you_buy